Maithili sharan Gupt biography in hindi, maithli Sharan Gupt jivani,

 मैथिली शरण गुप्त का जीवन परिचय, biography of Maithili sharn Gupt,


गुप्त जी  रचनाओं में मानव जीवन ओर समाज के विविध अंगो की समस्याओं का चित्रण हुआ है। उनमें भारतीय संस्कृति के प्राचीनतम के प्रति पूज्य भाव है, तो नए परिवर्तन के प्रति भी तीव्र उत्साह है दिववेदी युगीन आदर्शवादी नैतिकता पवित्रता पौराणिकता आख्यानों की तर्क संगत व्याख्या एवम् समसामयिक राष्ट्रीय हल चलो की तीव्र गूंज उनके काव्य में है वे सामाजिक उत्पीड़न, राजनीतिक, दासता तथा धार्मिक संकीर्णता के विरोधी है। उन्हें भारतीय संस्कृति नव जागरण का कवि कहा,।


पोस्ट के बारे में,

दोस्तो आप के कहे अनुसार मेने फिर एक पोस्ट लिखी है जो कि आप के लिए खास होने वाली है दोस्तो आज  इस पोस्ट में आप को मैथिली शरण गुप्त जी की पूरी कहानी आप के साथ शेयर करूंगा आप को पता होगा कि दोस्तो  कल सभी परकार की त्यारियो में इनका जन्म परिचय, या रच नाओ के नाम पूछ लिए जाते है वैसे दोस्तो अमीर तो किताबे खरीद कर पड लेगा लेकिन गरीब भाई का क्या, तो भाई आप की निगाह से मेने आज इस पोस्ट का निर्माण किया है दोस्तो आज में आप को बताऊंगा,

  • गुप्त जी कौन है,

  • गुप्त जी का जन्म कब हुआ,

  • गुप्त जी का जन्म स्थल,

  • गुप्त जी का पूरा पता,

  • गुप्त जी के पिता का नाम,

  • पिता क्या करते थे,

  • गुप्त जी के गुरुजी,

  • गुप्त जी की रचनाएं,

  • गुप्त जी की आर्थिक स्थिति,

  • गुप्त जी की पढ़ाई लिखाई,

  • गुप्त जी की मृत्यु,

Keywords,

Maithili sharn Gupt ka janm kab hua,

Maithili sharn Gupt ki rachnaye,

Maithili sharn Gupt ki martyu kab hui,

Maithili sharn Gupt ka village konsa hai,



मेरे बारे में,

नमस्कार दोस्तो मेरा नाम सुनील कुमार और आप ज्वाइन है हमारी साइट पर दोस्तो में क्लास 12। कस्टडेंट ओर मेरी उम्र 18 साल दोस्तो मुझे ब्लॉगिंग बेहद पसंद है इस लिए मै ये काम करता हूं,अगर आप मुझसे यूट्यूब पर मिल ना चाहते है तो नीले लाइन पर क्लिक करे,



  • गुप्त जी कौन है,

भाई यो में आप को बता दू। की गुप्त जी एक भारतीय महान लेखक थे जिन्होंने कबीर,तुलसी,इनकी तरह अपना नाम कमाया ओर अमर होगया,

ओर इनकी प्रमभिक कविताएं वैस्याउपकर,में छिपी किन्तु बाद में वे आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के संपर्क में आए ,और उन्होंने सरस्वती में लिखना प्रारम्भ kardiya उन्हीं। की प्रेरणा से खड़ी बोली को कविता की सरसता के अनुरूप ढालने का कार्य किया । गुप्त जी की रचनाओ में राष्ट्रीयता, स्वदेश प्रेम युगीन चेतना और भारतीय संस्कृति छाप दिखाई देती है, भारत भारती नामक रचना से इन्होंने अत्यधिक लोकप्रियता प्राप्त हुई  देश एवम् मार्त भूमि के प्रति ग्रव तथा गौरव राष्ट्रीय जागरण से ओतप्रोत भारत भारती की कविताओं ने इन्हे राष्ट्रकवि के रूप में प्रतिष्ठित किया । भारत सरकार द्वारा इन्हे राज्यसभा का सदस्य मनोनीत भी किया,

गुप्त जी  रचनाओं में मानव जीवन ओर समाज के विविध अंगो की समस्याओं का चित्रण हुआ है। उनमें भारतीय संस्कृति के प्राचीनतम के प्रति पूज्य भाव है, तो नए परिवर्तन के प्रति भी तीव्र उत्साह है दिववेदी युगीन आदर्शवादी नैतिकता पवित्रता पौराणिकता आख्यानों की तर्क संगत व्याख्या एवम् समसामयिक राष्ट्रीय हल चलो की तीव्र गूंज उनके काव्य में है वे सामाजिक उत्पीड़न, राजनीतिक, दासता तथा धार्मिक संकीर्णता के विरोधी है। उन्हें भारतीय संस्कृति नव जागरण का कवि कहा,।


  • गुप्त जी का जन्म कब हुआ,

अगर हम इनके जन्म की बात करे तो इनका जन्म सन् 1836 ई में हुआ,मतलब आज से  200 साल पहले,


  • गुप्त जी का जन्म स्थल,

अगर हम जाने की यार इनका जन्म किस जगह पर हुआ तो ने आप को बता दू की इनका जन्म चिर गाव में हुआ,


  • गुप्त जी का पूरा पता,

दोस्तो अब बात आती है इनके पूरे पते की तो इनका घर उत्तर प्रदेश के झासी जिले के। एक छोटे से ग्राम चिर गाव में रहते थे,


  • गुप्त जी के पिता का नाम,

भाई यो इनके पिता का नाम सेठ रामचरण कविता प्रेमी थे, 


  • पिता क्या करते थे,

में आप को बता दू की इनके पिता जी कनकलता उपनाम से कविता लिख ते थे,।


  • गुप्त जी के गुरुजी,

अगर हम बात करे गुप्त जी को सिकशा देने वाले सक्ष की तो वो है आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी,


  • गुप्त जी की रचनाएं,

गुप्त ने खंडकाव्य, प्रबन्धकाव्य,नाटक,एवम् अनूदित काव्य आदि विधाओं में लिखा इनकी रचनाएं, भारत भारती, जयद्रथ वध,पंचवटी,गुरुकुल,झंकार, साकेत,यशोधरा,द्वापर, जयभरत, सिद्ध राज, विष्णु प्रिया, आदि विशेष उलेखनिये है, साकेत महाकाव्य ने गुप्त जी को कीर्ति के सिखर पर पहुंचाया ; जिसमे राम के पावन चरित्र को आधुनिक परिवेश में चित्रित करते हुए उपेक्षित उर्मिला के चरित्र को त्यागमई नारी के रूप में चित्रित किया,


  • गुप्त जी की आर्थिक स्थिति,

भाई यो हम इनकी घर ग्रस्ती की बात करे तो यह सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते थे,


  • गुप्त जी की पढ़ाई लिखाई,

भाई यो इन्होंने अपने पिता जी से पढ़ाई लिखाई का काम किया एक तरह से इनके पिताजी इनके गुरुजी थे,


  • गुप्त जी की मृत्यु,

अगर हम बात करे इनकी मृत्यु की तो इनकी मृत्यु हुई थी,


आप के लिए,

अगर दोस्तो आप को इस पोस्ट में कोई कमी नजर आती है तो मुझे कमेंट में बताए, में उस को जरूर अपडेट करूंगा,


यह भी जाने,

सुर दास जी की रचनाएं,

तुलसी दास। की रचनाएं,



Biography of Maithili sharan Gupt,