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रहीम का जीवन परिचय, नीति के दोहे,(rahim biography in hindi)

दोस्तो आप के कहे आनुशार में फिर लेकर आगे आ गया हूं, रहीम बॉयोग्राफी,दोस्तो रहीम का वेक्तित्व बहुत ही प्रभावाली था वे सामंजस्य वादी थे श्रीकृष्ण के प्रति उनके मन में श्रद्धा थी उन्होंने कर्षणा जी का  ऊलेख अपनी रचनाओं में भी करते है,उन्होंने बताया कि गरीबों पर दया करने वाला शख्स भगवान तुल्य होता है मांगने से मानव की महत्ता घटती है उतम स्वभाव वाले मनुष्य को कुसंग दुष्प्रभावी नहीं करती, सज्जन परोपकार  निम्मित ही संपति का संग्रह करते है धनी पुरुष निर्धन होने पर अपने अतीत कि चर्चा इस प्रकार करते है जैसे आश्विन मास के जल विहीन बदल गरजते है अच्छे लोगो रूठने पर उन्हें मना लेना चाहिए, उन्होंने यह कहा है। की काम पड़ने पर काम निकल जाने पर लोगो का वेवाहार अलग अलग हो जाता है,



पोस्ट के बारे में,

दोस्तो आज की ये पोस्ट काफी ज्यादा अट्रैक्टिव है ओर आप की खास मांग पर मेने आप के लिए लिखी है दोस्तो में आप को  पोस्ट के माध्यम से रहीम जी का पूरी कुंडली आप के सामने रखूंगा,

मेने आप को हर पोस्ट में कुछ ना कुछ सीख ने को दिया है दोस्तो जैसा की 

आज। कि पोस्ट में आप को बताया जाएगा कि,

  • रहीम कौन है,

  • रहीम का जन्म स्थल,

  • रहीम के माता पिता,

  • रहीम का जन्म कब हुआ,

  • रहीम की मृत्यु कब हुई,

  • रहीम की पढ़ाई लिखाई,

  • रहीम की आर्थिक स्थिति,

  • रहीम की रचनाएं,

  • रहीम के गुरुजी

  • रहीम जी के कुछ दोहे,


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  1. Rahim koun hai,

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मेरे बारे में,

नमस्कार दोस्तो मेरा नाम सुनील कुमार और आप ज्वाइन है हमारी साइट पर दोस्तो में क्लास 12 का स्टूडेंट हूं और मेरी उम्र 18 साल है दोस्तो मुझे ब्लॉगिंग बेहद पसंद है इस लिए मै ये काम करता हूं अगर आप मुझसे यूट्यूब पर मिल ना चाहते है तो नीले लाइन पर क्लिक करे,


  • रहीम कौन है,

दोस्तो में आप को बता दू की रहीम भी ठीक तुलसी दास की तरह  एक साहित्य प्रेमी है दोस्तो रहीम का पूरा नाम अब्दुल रहीम खानखाना है,इनके पिता बैरम खान ने मुगल बादशाह हुमायूं की मौत के बाद अकबर के संरक्षक का दायित्व संभाला। रहीम बच पन से ही साहित्य प्रेमी ओर बुद्धिमान था उन्हें अपने माता पिता से वीरता,राजनीति,दनविरता,तथा काव्य जैसे गुण विरासत में मिले थे, 

दोस्तो ये एक मुसलमान हो कर भी कृष्ण भक्त थे इनके मन में कृष्ण के लिए भक्ति का भाव था,रहीम बहू मुखी प्रतिभा के धनी थे, उनके वेक्तितव में विविध गुणों का विलक्षण योग था,उनके दोहे बर्ज़ भासा में निहित थे,इनके काव्य में ,नीति भक्ति,प्रेम,ओर श्रंगार, का सुंदर समावेश था, सुंदर शेली सरल,सुभोध ओर सहज गहरी थी,हिन्दी साहित्य की समृद्धि में मुस्लिम कवियों का विशेष योगदान रहा,

रहीम जी मानते है। कि मनुष्य को अपना स्वाभिमान बराबर बनाए रखना चाहिए, संगति जीवन को पर्याप्त प्रभावित करती है, मनुष्य जैसे आचरण वाले लोगो के साथ रहता है वह वैसा ही हो जाता है,परन्तु  उत्तम परकर्ती के होते है उनके ऊपर बुरे लोगो का प्रभाव वैसे  नहीं पड़ ता है,जैसे चंदन के पेड़ पर सापो के होने पर भी अपनी सुगंध नहीं छोड़ ता,

रहीम ने यह भी बताया। कि विपरीत स्वभाव के लोग एक साथ परस्पर सद्भाव नहीं रह सकते, रहीम। इस बात पर जोर देते है कि मनुष्यो को प्रेम भाव बनाया रखना चाहिए,


  • रहीम का जन्म स्थान,

दोस्तो हम इनके जन्म स्थल की बात करे तो इनका जन्म स्थल अकबर के संरक्षक एवम् विश्वाश पात्र बईरम खान के घर  लाहौर में होना बताया गया है,


  • रहीम के माता ओर पिता,

अगर दोस्तो हम बात करे इनके माता पिता। कितो इनके पिता का नाम बैराम खान माता का नाम सुल्ताना बेगम था सन 1562 ई में बेराम खान की मृत्यु हो गई थी, बाद ने इनकी पढ़ाई लिखाई का प्रबंध अकबर ने किया, 


  • रहीम का जन्म कब हुआ,

दोस्तो हम इनके जन्म कब हुआ की बात करे तो इनका जन्म  अकबर के संरक्षक एवम् विश्वाश पात्र बईरम खान के घर  लाहौर  1556 ई में होना बताया गया है,



  • रहीम की मृत्यु कब हुई,

दोस्तो अब बात आती है कि रहीम मर्त्यू कब हुई तो दोस्तो रहीम की मौत  की आयु में सन 1626 में हो गई थी,


  • रहीम की पढ़ाई लिखाई,

दोस्तो इनकी पढ़ाई लिखाई की बात करे तो ये साहित्य में ज्यादा रुचि रखते है, लेकिन इनको अरबी,फारसी, उर्दू, हिन्दी, संस्कृति का भी ज्ञान था, ओर अपनी पहचान साहित्य में ही बनाई,इस से अकबर ने खुस होकर शजादो को दी जाने वाली उपाधि मिर्जा खान से समानित किया,


  • रहीम की आर्थिक स्थिति,

दोस्तो अगर हम इनके घर बार की बात करे तो में आप को बता दू की ये एक अमीर परिवार से अपना वास्ता रखते है, मेरा मतलब है   एक अमीर बाप की औलाद है, क्योंकि इनके पिता बेराम खान अकबर के नौकर थे,


  • रहीम की रचनाएं,

अगर दोस्तो हम बात करे रहीम की रचनाओं की तो दोस्तो इनकी रचनाएं,है,

दोहावली,बरवे,नायिका,भेद, रास,पंचद्याय,मदनस्टक,तथा नगर शोभा,


रहीम के गुरुजी का नाम,

भाईयो हम बात करे रहीम की के गुरु की तो इनके गुरु का भेद नहीं मिला, अगर मिला तो। में अपडेट करदुं गा,

  • रहीम जी के कुछ दोहे,


अमी पियावत मान बिनु,रहिमन मोहि न सुहाए,।

मान सहित मरीबो भालो,जो बिश देय बुलाई,।।


कदली सिप भुजंग_मुख, स्वाति एक गुण तीन ।

जैसी संगति बैठिए, तेशोई फल दिन ।।


कहीं रहीम संपति सगे, बनत बहुत ब हूं रीति,

विप्ती कसौटी जे कसे, तेहि सचे मित,


रहिमन भंवरी के भये, नदी सिरावत मोर,

काज करे कुछ ओर है,काज सरे कुछ ओर,


आप के लिए,

अगर दोस्तो आप को कोई भी त्रुटि इस पोस्ट में नजर आती है। तो मुझे कमेंट में जरूर बताए,

में उस को जल्द ही अपडेट kardunga,

ओर हा आप जाते जाते यह जरूर बताए की अगली पोस्ट किस बारे में लिखी जाए,


यह भी जाने,


कबीर दास जी का जीवन परिचय,


जानिए कौन है, तुलसीदास,


धन्यवाद,

रहीम का जन्म कब हुआ pdf